The bridge एक भूतिया कहानी
ये कहानी है रवि नाम के लड़के की जब उसका ट्रांसफर मुंबई में हुआ तो उसके कुछ दोस्तों ने मिलकर एक पार्टी राखी थी। अभी उसने कुछ 2 ,4 पेग ही पिया था की उसके घर से फ़ोन आया की उसकी बेटी अंकिता बहुत बीमार है जल्दी आओ उसके दोस्तों ने रोका की ये शहर मैं नये हो कही गुम न हो जाओ , दोस्तों ने कहाँ दो ही पेग बचे है। 10 min में हम भी साथ चलेंगे पर रवि नहीं रुका और बाइक सटार्ट करके घर चल दिया उसके घर से पहले सूखा नाला जैसा एक जगह था जहाँ अब पेड़ उग चुके थे।
उसके कुछ दूर पर ही एक पूल था जिसके ठीक बाद रवि का घर था लेकिन जब रवि उस ब्रिज पे पंहुचा उसे कुछ अजीब सा लगा। अच्चानक उसे ऐसा लगा की कोई बड़ी परछाई ब्रिज को अच्चानक से क्रॉस करके गयी और ध्यान भटकने के कारण बाइक स्लीप हो गया। उसने बाइक उठाने के बाद स्टार्ट करने की काफी कोसिस की लेकिन बाइक स्टार्ट नहीं हुई सायद कोई खराबी आ गयी थी उसने सोचा कुछ देर में उसके दोस्त भी इसी रस्ते से आएंगे तो उनसे हेल्प ले लेगा। उसने अपने दोस्तों को फ़ोन करने के लिए अपने पॉकेट से मोबाइल निकला
तो उसकी लाइट में उसे ऐसा लगा की सामने कोई औरत खड़ी है जो काफ़ी रो रही और कह रही है मेरी बेटी का ख्याल रखोगे बोलो रखोगे न , ये सब देखने के बाद रवि एक मूर्ति की तरह सांत हो गया। उससे न हिला जा रहा था न ही बोला जा रहा था वो भागना चाह रहा था लेकिन जैसे उसका बस ही नहीं चल रहा था। तभी वो औरत फिर बोलती है तुम्हारी इसी शराब की वजह से मेरी जान गयी पर अब मेरी बेटी का ख्याल रखना रखोगे न बोलो ! अब तक रवि की सारि शराब उतर चुकी थी उस औरत का मुँह बिलकुल रवि के मुँह के सामने था।
रवि डर के मारे पलक भी नहीं झपका पा रहा था तभी कही से एक लाइट आयी रवि के दोस्त पहुँच चुके थे रवि ने उनसे कुछ नहीं कहा वो उसे घर छोर आये। पता नहीं ये सच था या आखो का धोका अगले दिन किसी ने बताया की कुछ दिन पहले यहाँ एक परिवार रहता था जिसमे पति-पत्नी और उसकी एक बेटी थी उसका एक्सीडेंट उस ब्रिज पे हो गया था जिसमे उसकी पत्नी की मौत हो गयी थी उसके पति ने भी शराब पि रखी थी। इसी लिए जब भी कोई इंसान इस रास्ते से शराब पीकर गुज़रता है उसे वो औरत दिखती है। उस हादसे के बात रवि आज भी रात में सफ़र करने से डरता है।
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